नमस्कार मित्रो !
दोस्तों एक बहुत पुरानी कहावत है ...भजन, भोजन और पत्नी पर पर्दा होना चाहिए ...." Prayers , food and wife should always be covered ." आप क्या सोचते हो दोस्तों कि जो यह कहावते हमारे पूर्वजो या धर्मग्रंथो या शास्त्रों द्वारा लिखी गयी है या फिर कही गयी है क्या आज के परिपेक्ष में इसे सास्वत माना जा सकता है.....जहाँ आज की जीवन पद्दति में इतना खुलापन आ गया है क़ि हम लोग चाह कर भी इन तीनो से पर्दा नहीं कर सकता ...क्यों क़ि बहुत सारी मानसिकताए हमारा पीछा करती है...जैसे क्या यार अब वो जमाना नहीं रहा ,,,,क्या अंधविश्वास में जी रहे हो......,,,,कुछ नहीं होता ये सब कहने क़ि बाते है....लेकिन कुछ तो होगा लिखने वाले के दिमाग में या फिर हो सकता है उस समय क़ि परिस्थिति को देख कर लिखा गया हो...पर दोस्तों मुझे तो इस कहावत में कुछ तार्किक शक्ति नजर आ रही है....आप क्या सोचते है.............